अब सुकून से सोने की ख़ातिर लेट ना सके. By rehmatSeptember 19, 2024Add comment अ अब सुकून से सोने की ख़ातिर लेट ना सके. वो वहाँ भी याद आया जिसकी ख़ातिर दम निकला. – रहमत (जुलाहा) FacebookX