आम आँ नशा ए जिस्म ए ‘ऊर जुलाहा.
शराब ए हया ए निगाह ए उल्फ़त कहाँ.
– रहमत (जुलाहा)
आम – सब में होने वाला
आँ – वो, किसी चीज़ को देख कर मुँह से निकला शब्द
‘ऊर – नंगापन
हया – शरम
उल्फ़त – प्यार, मुहब्बत
निगाह ए उल्फ़त – मुहब्बत की नज़र
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