rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी

ग़ज़ल ग़ज़ब गुमनाम ग़ाफ़िल या गहरा ग़म.

ग़ज़ल ग़ज़ब गुमनाम ग़ाफ़िल या गहरा ग़म.
उरूज़ ज़वाल ख़्वाब ख़याल या फिर सितम.
सहर सहारा सेहरा साथी या सुर या सरगम.
लज़्ज़त ए हयात है तू या कहूँ अब्र ए करम.
धूप हवा छाँव बहार बारिश या बहती कलम.
शायरी सा मिज़ाज है तू और उफ़ ये बदलता मौसम.
– रहमत (जुलाहा)

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Rehmat Ullah - रहमत (जुलाहा)