rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी

तू रूठना और फिर मान जाना, जो तू कहे अक्सर ले आऊँगा.

तू रूठना और फिर मान जाना, जो तू कहे अक्सर ले आऊँगा.
तू बर्फ़ी खाने का मन बनाना, मैं पूरा अलवर ले आऊँगा.
तू दिखाना तीखे तेवर, मैं बहार बारिश और जयपुर के घेवर ले आऊँगा.
तेरा मन नख़रे दिखाने का हो, तो तू सुबह सवेरे ही बता देना.
लाऊँगा तेरी हँसी और मुस्कान, तेरे चेहरे के ज़ेवर ले आऊँगा.
पागलपन तवज्जोह प्यार मुहब्बत, मेरा सब लेकर ले आऊँगा.
माँग लेना तू चाँद-सितारे, मैं मेरी जान-वान सब देकर ले आऊँगा.
– रहमत (जुलाहा)

#shayari #friendship #love #beautiful #roothna #manana #aksar #barfi #alwar #bahaar #barish #jaipur #ghewar #nakhre #foola #hansi #muskan #chehra #zewar #chand #sitare #jaan #pagalpan #tawajjoh #pyaar #muhabbat

About the author

Add comment

Avatar photo By rehmat
rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी
Rehmat Ullah - रहमत (जुलाहा)