बचपन की एक मुहब्बत थी, साइकिल पर दीवाना था.
साथ दोस्तों की दौलत थी, फ़िदा सारा ज़माना था.
उसकी एक झलक को तरसता था, ट्यूशन तो बहाना था.
लक्की अली के गाने थे, एक उसको भी सुनाना था.
कोई कैसे देख लेता उसे, सबकी भाभी भी बताना था.
नसीब वालों को ही मिलती है बचपन की मुहब्बत यारों.
मेरी तो सज रही थीं यादें, आज सबको याद आना था.
किताबों में उसका नाम भी लिखा, कहाँ किसी से छुपाया.
कमबख़्त रुक ही जाती उम्र भर, इतनी जल्दी में जाने कहाँ जाना था. – रहमत (जुलाहा)
#shayari #love #friendship #bachpan #muhabbat #bicycle #diwana #dost #daulat #fida #zamana #jhalak #taras #tuition #lucky #ali #gaane #bhabhi #naseeb #yaron #saj #yaaden #yaad #kitaab #naam #chhipa #kambakht #umr #jaldi #friends