rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी

बर्दाश्त नाम की एक चिड़िया पर मेरा दिल ऐसे आ गया.

बर्दाश्त नाम की एक चिड़िया पर मेरा दिल ऐसे आ गया.
मैंने उसे कितने साल पाला और फिर ग़ुस्से से खा गया.
– रहमत (जुलाहा)

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Rehmat Ullah - रहमत (जुलाहा)