वो जो सोचते हैं कि हमारी हार की सहर देखेंगे.
हम जब जीतेंगे तो उनकी नज़रों में ज़हर देखेंगे.
हैं ही नहीं किसी की हौसला-अफ़ज़ाई के क़ाइल.
हम मुस्कुराएँगे और उनकी आँखों में क़हर देखेंगे.
– रहमत (जुलाहा)
#shayari #life #julaha #people
वो जो सोचते हैं कि हमारी हार की सहर देखेंगे.
हम जब जीतेंगे तो उनकी नज़रों में ज़हर देखेंगे.
हैं ही नहीं किसी की हौसला-अफ़ज़ाई के क़ाइल.
हम मुस्कुराएँगे और उनकी आँखों में क़हर देखेंगे.
– रहमत (जुलाहा)
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