rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी

शफ़्फ़ाफ़ सूनी रातों में रहमत मैं इतना बरस गया.

शफ़्फ़ाफ़ सूनी रातों में रहमत मैं इतना बरस गया.
एक आख़िरी मुलाक़ात में आसुओं को तरस गया.
– रहमत (जुलाहा)

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Rehmat Ullah - रहमत (जुलाहा)