rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी

क़यामत सरीखी जनाब की आँखों में चमक.

क़यामत सरीखी जनाब की आँखों में चमक.
जो ख़याल हमारा करते तो हसीन हम होते.
– रहमत (जुलाहा)

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Rehmat Ullah - रहमत (जुलाहा)