मुल्क़ छोड़ कर अम्न ओ सुकूँ से हसद बुग्ज़ है कोई. By rehmatNovember 25, 2024Add comment म मुल्क़ छोड़ कर अम्न ओ सुकूँ से हसद बुग्ज़ है कोई. अपनी माँ से सुहूलत ए तंज़ में पनाह माँगता है कोई. – रहमत (जुलाहा) FacebookX