समझते हैं शायरी लोग जिसे, रहमत हाल ए ग़म सुनाता हूँ. By rehmatNovember 18, 2024Add comment स समझते हैं शायरी लोग जिसे, रहमत हाल ए ग़म सुनाता हूँ. ना थोड़ा कम ना थोड़ा ज़्यादा, सब बस ठीक ठीक बताता हूँ. – रहमत (जुलाहा) FacebookX