हाथ छोड़ कर कलम उठा तो ली मैंने रहमत. By rehmatOctober 28, 2024Add comment ह हाथ छोड़ कर कलम उठा तो ली मैंने रहमत. राह ए ख़ुदा में ज़्यादा सहना अब भी लाज़िम है. – रहमत (जुलाहा) FacebookX