किस वहम ओ गुमान में था रहमत, दरवाज़े बंद करता रहा. By rehmatOctober 10, 2024Add comment क किस वहम ओ गुमान में था रहमत, दरवाज़े बंद करता रहा. अलबत्ता जितने भी साँप थे, आस्तीन से हो कर आए. – रहमत (जुलाहा) FacebookX