अब मुल्क़ छोड़ कर कोई जाए भी तो कैसे बता. By rehmatSeptember 20, 2024Add comment अ अब मुल्क़ छोड़ कर कोई जाए भी तो कैसे बता. रहमत लिखने को इससे ज़्यादा दर्द कहाँ मिलता है. – रहमत (जुलाहा) मुल्क़ – अपने FacebookX