ज़माने से मुँह फेरा, और अहम ख़त्म. By rehmatSeptember 6, 2024Add comment ज ज़माने से मुँह फेरा, और अहम ख़त्म. लुटा कर आबरू, ख़ुद पर रहम ख़त्म. तीन गोली सुबह, तीन गोली शाम को. दिमाग़ चलना शुरू, और वहम ख़त्म. – रहमत (जुलाहा) FacebookX