rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी

ये तेरे जिस्म की ‘उर्यानी, बेहूदगी, बेग़ैरती, बेहयाई, किसका अदब करे.

ये तेरे जिस्म की ‘उर्यानी, बेहूदगी, बेग़ैरती, बेहयाई, किसका अदब करे.
जब हो नहीं तुझपे ही हिजाब ओ हया, तू मर्दों से कैसी शरम तलब करे.
– रहमत (जुलाहा)

#shayari #people #life #uryani #behudgi #begairti #behayai #adab #hijaab #haya #mard #sharam #talab #respect #scarf #men

About the author

Add comment

Avatar photo By rehmat
rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी
Rehmat Ullah - रहमत (जुलाहा)