चारों तरफ़ महफ़िलों में कुछ मक्कारों का हुजूम था.
बंदा तू बड़ा नेक और साफ़ है कि इस बात से कौन महरूम था.
दिखा कर अपना अपना हाल ए इल्म अपनों ने ऐसा ग़ाफ़िल किया.
अल्लाह का शुक्र है तुझे क़िबला ए इबादत का रुख़ मालूम था.
– रहमत (जुलाहा)
चारों तरफ़ महफ़िलों में कुछ मक्कारों का हुजूम था.
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