rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी

अंधेरों में दो पल बैठकर बताते हैं एहसान वो क्या जानें रहमत.

अंधेरों में दो पल बैठकर बताते हैं एहसान वो क्या जानें रहमत.
कितनी रातें जाग कर हमने हक़ के कितने उजाले लुटाए.
– रहमत (जुलाहा)

#shayari #life #julaha #people

About the author

Add comment

Avatar photo By rehmat
rehmat.re रहमत (जुलाहा) की शायरी
Rehmat Ullah - रहमत (जुलाहा)