फिर पकड़ी थी चरखी परखने को कुछ आखरी पतंग. By rehmat12 months agoAdd comment फ फिर पकड़ी थी चरखी परखने को कुछ आखरी पतंग. वो बल मारे रिश्तों ने जुलाहा कि हथेली पर ज़ख़्म हो गए. – रहमत (जुलाहा) #shayari #life #julaha #people #rishte #kite FacebookX