सुन लो सारे फ़रियाद हमारी, दो पाटों में दुनिया बेचारी.
समझदार बचाए अपनी इज़्ज़त, निकम्मा दबाए दौलत सारी.
और मिले नहीं ख़यालात औलाद ओ औरत पे भी हमारे.
खुद्दार निभाए ज़ुबान अपनी, अय्याश बदले बारी बारी.
– रहमत (जुलाहा)
#shayari #life #julaha #people